7 मई 2012

हे मनुष्य...

" हे मनुष्य !  तू एक दिन,
  इंसान बन के देख..
  देवता तू क्या बनेगा,
  आम बन के देख...

  प्यार का आधार तुझमें,
  जीवात्मा का सार तुझमें..
  उस अलौकिक, असीमित,
  का प्राण बन के देख...

  हे मनुष्य !  तू एक दिन,
  इंसान बन के देख.....!!"  

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